श्री हनुमान जी की प्रसिद्द आरती | Shri Hanuman ji ki aarti

Shri Hanuman ji ki aarti
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हमारे समस्त पाठकों को हमारा सादर नमस्कार आज हम आप सभी के लिए रामभक्त श्री हनुमान की प्रसिद्ध और भक्ति में आरती shri hanuman ji ki aarti लेकर आए हैं। श्री राम भक्त हनुमान को कौन नहीं जानता उनका नाम सुनते ही भूत, पिशाच, नकारात्मक ऊर्जाएं, बुरी शक्तियां सब दूर हो जाते हैं। पौराणिक कथाएं और मान्यताएं मान्यताओं के अनुसार भगवान श्री हनुमान स्वयं देवों के देव शिव भगवान के ग्यारवें रुद्र अवतार हैं स्वयं भगवान शंकर ने हनुमान जी के रूप में अवतार लिया और राम जी की सेवा की और रावण का वध करने में श्री राम की मदद की।

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हमारे शास्त्रों के अनुसार जो भी भक्त सच्चे मन से भगवान श्री हनुमान की पूजा करता है उस भक्तों के ऊपर किसी भी ग्रह का कोई दोष या बुरा प्रभाव नहीं पड़ता क्योंकि स्वयं हनुमान जी ने ही नव ग्रहों को रावण की कैद से मुक्त कराया था और स्वयं शनिदेव के साथ अन्य ग्रहों ने भी श्री हनुमान को यह वचन दिया था कि जो भी मनुष्य आपकी सच्चे मन से पूजा करेगा हम उस पर कोई भी बुरा प्रभाव नहीं डालेंगे। अगर आप में से कोई है जो ग्रहों की दशा या शनि दशा को भोग रहा है तो हमारी सलाह आपको यही होगी कि आप भगवान श्री हनुमान के चरणों में अपने दुख को अर्पित करें और सच्चे मन से उनकी पूजा-अर्चना करें भगवान श्री हनुमान आपके सारे दुख-दर्द हर लेंगे।

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हनुमान जी की आरती, Shri hanuman ji ki aarti

Hanuman aarti
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यहां पर हमने श्री हनुमान के कई ऐसे दिव्य और शक्तिशाली मंत्रो को साझा किया है जिनका उपयोग आप अपने दैनिक जीवन में आने वाली कठिनाइयां और दुखों को दूर करने के लिए कर सकते हैं हमारा आग्रह होगा कि उन अध्याय को भी आप जरूर पढ़ें।

—श्री हनुमंत स्तुति—

मनोजवं मारुत तुल्यवेगं,
जितेन्द्रियं, बुद्धिमतां वरिष्ठम् ॥
वातात्मजं वानरयुथ मुख्यं,
श्रीरामदुतं शरणम प्रपद्धे ॥

—आरती—

आरती कीजै हनुमान लला की
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥

जाके बल से गिरवर काँपे
रोग-दोष जाके निकट न झाँके ॥
अंजनि पुत्र महा बलदाई
संतन के प्रभु सदा सहाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥

दे वीरा रघुनाथ पठाए
लंका जारि सिया सुधि लाये ॥
लंका सो कोट समुद्र सी खाई
जात पवनसुत बार न लाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥

लंका जारि असुर संहारे
सियाराम जी के काज सँवारे ॥
लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे
लाये संजिवन प्राण उबारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥

पैठि पताल तोरि जमकारे
अहिरावण की भुजा उखारे ॥
बाईं भुजा असुर दल मारे
दाहिने भुजा संतजन तारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥

सुर-नर-मुनि जन आरती उतरें
जय जय जय हनुमान उचारें ॥
कंचन थार कपूर लौ छाई
आरती करत अंजना माई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥

जो हनुमानजी की आरती गावे
बसहिं बैकुंठ परम पद पावे ॥
लंक विध्वंस किये रघुराई
तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई ॥

आरती कीजै हनुमान लला की
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥

कैसे करे हनुमान आरती का प्रयोग

वैसे तो shri hanuman ji ki aarti का गुणगान आप रोज हनुमान जी की पूजा करते वक्त कर सकते हैं पर फिर भी अगर आप रोए हनुमान जी की पूजा नहीं कर सकते हैं तो हमारा आपसे यही आग्रह होगा कि हर मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी को बेसन का लड्डू चढ़ाएं और फिर उनकी पूजा अर्चना करते वक्त इस आरती का गुणगान करें और उसके बाद हनुमान चालीसा का एक पाठ भी अवश्य पढ़ें।

निष्कर्ष

तो यह थी भगवान श्री हनुमान की आरती, shri hanuman ji ki aarti हमें पूरी उम्मीद है कि यह आरती आप लोगों को पसंद आए होगी और इसे आप भगवान श्री हनुमान की पूजा करने में उपयोग भी करेंगे मान्यताओं के अनुसार सभी देवी देवताओं में श्री हनुमान ही एक ऐसे देव है जो आज भी इस कलयुग में जीवित हैं और जो भी भक्त सच्चे मन से हनुमान जी को पुकारता है हनुमान जी उसकी पुकार जरूर सुनते हैं।

श्री हनुमान आप सबका कल्याण करें

जय श्री राम

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