Shiv ji ka mantra. शिवजी की कृपा पाने के लिए अचूक मंत्र
आज का हमारा विषय है शिवजी की कृपा पाने के लिए अचूक मंत्र / shiv ji ka mantra. हमारे हिंदू धर्म में अगर कोई सबसे लोकप्रिय देवता है तो वह है भगवान भोलेनाथ. हर देवी देवताओं में भगवान शिव को सबसे ज्यादा कल्याणकारी देवता माना जाता है और ऐसा माना जाता है जो भी भक्त अपने सच्चे मन से भगवान शिव की पूजा अर्चना करता है भगवान शिव स्वयं उसके सारे कष्ट हर लेते हैं और उसे हर प्रकार की सुख समृद्धि प्रदान करते हैं.
हमारे तमाम हिंदू ग्रंथ मैं इस बात का उल्लेख है कि जब जब इस ब्रह्मांड पर या ऋषि मुनि, देवी देवताओं और मनुष्य पर कभी भी कोई भी घोर संकट आया है तब-तब भगवान शिव ने उन तमाम कष्टों को विश के रूप में स्वयं में धारण किया है.
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तमाम देवी देवताओं में एकमात्र भगवान शिव ही ऐसे हैं जिनकी पूजा अर्चना बहुत ही सरल और फलदाई मानी जाती है और हर देवी देवताओं में एकमात्र भगवान शिव ही ऐसे देवता हैं जो छोटी और सरल पूजा से भी अपने भक्तों से प्रसन्न हो जाते हैं. भगवान शिव की पूजा का विशेष दिन सोमवार है.
सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा अर्चना करने से साधक को विशेष लाभ प्राप्त होता है और उनकी कृपा साधक पर हमेशा बनी रहती है.
आज हम यहां पर आपको कुछ ऐसे महत्वपूर्ण और कल्याणकारी शिवजी के मंत्र/ shiv ji ka mantra बताने जा रहे हैं जिससे आप भगवान शिव की पूजा अर्चना और आराधना करके उन्हें प्रसन्न करके मनोवांछित वर और उनकी कृपा दृष्टि भी प्राप्त कर सकते हैं.
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शिवजी का मूल मंत्र / Shiv ji ka mool mantra
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यह भगवान शिवजी का सबसे शक्तिशाली मंत्र है जिसे भगवान शिव का मूल मंत्र भी कहा जाता है. हर देवी देवताओं के मंत्रों में भगवान शिव के इसी मूल मंत्र को सबसे ज्यादा शक्तिशाली और लोकप्रिय मंत्र माना गया है. हिंदू धर्म में जो भी जातक भगवान शिव में अपनी आस्था रखता है वह यह मंत्र नियमित रूप से जाप करता है. इस मंत्र की सबसे बड़ी विशेष बात यह है कि यह मंत्र अत्यंत ही सरल है और हर कोई आम मनुष्य भी इसका उपयोग करके भगवान शिव की उपासना करके उन्हें प्रसन्न कर सकता है. इस मंत्र का मूल अर्थ इस प्रकार है कि इस मंत्र के द्वारा हम भगवान शिव का नमन करते हैं और इसके साथ – साथ उनसे इस बात की कामना करते हैं कि वह हमारी और इस पूरे ब्रह्मांड का कल्याण और रक्षा करें.
घर में सुख शांति के लिए शिवजी का मंत्र / Shiv ji ka mantra
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अगर आपके घर में हमेशा ग्रह कलेश होते हैं या घर के सदस्यों में आपस में विवाद होते रहते हैं या पति-पत्नी में विवाद होते हैं तो ऐसी स्थिति में आपको इस मंत्र का रोज 21 बार जाप करना चाहिए. इस मंत्र के नियमित जाप से घर में होने विवाद झगड़े इत्यादि समाप्त हो जाते हैं और घर में सुख शांति सदैव बनी रहती है.
शिव पार्वती मंत्र
![शिव पार्वती मंत्र](http://siddhamantrashakti.com/wp-content/uploads/2020/09/shivji-mantra-in-hindi2-min-1024x576.jpg)
इस मंत्र का जाप विशेषकर स्त्रियों को करना चाहिए. जो भी स्त्री भगवान भोलेनाथ के साथ-साथ मां पार्वती की भी कृपा पाना चाहती है उन स्त्रियों को नियमित रूप से इस मंत्र का जाप करने से विशेष फल प्राप्त होता है और साथ ही साथ भगवान भोलेनाथ के साथ-साथ मां पार्वती का आशीर्वाद सदैव उन स्त्रियों पर बना रहता है. इस मंत्र का नियमित रूप से जाप करना उन स्त्रियों के लिए विशेष फलदायक है जिनके विवाह में बाधा आ रही है. जिस स्त्री के विवाह में बाधा आ रही है अगर वह महिला इस मंत्र का नियमित जाप करेंगे तो उसकी विवाह में आने वाली समस्त बाधाएं मां पार्वती दूर कर देंगी.
शिवजी का उपासना मंत्र
![शिवजी का उपासना मंत्र](http://siddhamantrashakti.com/wp-content/uploads/2020/09/shivji-mantra-in-hindi3-min-1024x576.jpg)
इस सरल मंत्र का जाप करने से भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की हर मनोकामना को पूर्ण करते हैं. अगर आप भी चाहते हैं कि अपने जीवन में आने वाली कठिनाई को दूर करें और आपकी हर इच्छा पूरी हो तो इस मंत्र का नियमित जाप करें.
शिवजी का रूद्र गायत्री मंत्र
![शिव जी का रूद्र गायत्री मंत्र](http://siddhamantrashakti.com/wp-content/uploads/2020/09/shivji-mantra-in-hindi4-min-1-1024x576.jpg)
आप में से कई लोग शायद इस बात को जानते होंगे कि भगवान शिव को ही भगवान रुद्र के नाम से भी जाना जाता है. इस पूरे ब्रह्मांड में सिर्फ देवी देवता ही नहीं है जो भगवान शिव की पूजा अर्चना या उपासना करते हैं अपितु तमाम मानव, दानव या किन्नर हर कोई भगवान भोलेनाथ की पूजा-अर्चना और उपासना करता है. जिस किसी भी मनुष्य के कुंडली में अगर राहु केतु के योग कालसर्प या पित्र दोष या किसी भी प्रकार के शनि दोष है उन जातकों को विशेष तौर पर शिव जी का रूद्र गायत्री मंत्र का नियमित जाप करना चाहिए.
शिव जी के रूद्र गायत्री मंत्र के नियमित जाप से कुंडली में जो भी दोष हो या किसी ग्रह का कोप हो वह सब शांत हो जाते हैं और मनुष्य को शांत और सुखमय जीवन प्राप्त होता है. अगर कोई भी मनुष्य ऐसी स्थिति में है जहां उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है या मानसिक स्थिति स्थिर नहीं है तो ऐसी स्थिति में भी नियमित रूप से रूद्र गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए इसके जाप से मानसिक स्थिति शांत होती है और मन को भी शांति मिलती है. इस मंत्र की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसके जाप के लिए है किसी प्रकार का कोई विधि-विधान नहीं है.
इस शक्तिशाली मंत्र को किसी भी सोमवार से शुरू किया जा सकता है और अगर सोमवार को मंत्र शुरू करने से पहले जातक उपवास रखे तो अति उत्तम फल प्राप्त होता है पर एक बात का हमेशा ध्यान रखें कि कोई भी उपासना तभी फलदाई होती है जब वह सच्चे मन से किया जाए.
शिवजी का महामृत्युंजय मंत्र
![शिवजी का महामृत्युंजय मंत्र](http://siddhamantrashakti.com/wp-content/uploads/2020/09/shivji-mantra-in-hindi5-min-1024x576.jpg)
आइए सबसे पहले इस महामृत्युंजय मंत्र का अर्थ जान लेते हैं . इस मंत्र की उपासना से भक्त भगवान भोलेनाथ से प्रार्थना करता है कि “है देवों के देव त्रिनेत्र धारी हम आपसे निवेदन और प्रार्थना करते हैं कि जिस तरह एक ककड़ी पूरे रूप से पक जाने के बाद बेल से अपने आप अलग हो जाती है अर्थात मुक्त हो जाती है उसी प्रकार हमें इस मानव रूपी जीवन के जन्म, मरण और हमारे पूर्व जन्म के बंधन से मुक्त कीजिए और हमें मोक्ष प्रदान कीजिए.”
आप यकीन नहीं करेंगे शिव जी का यह महामृत्युंजय मंत्र इतना शक्तिशाली है कि इसके जाप से मनुष्य मृत्यु तक पर विजय प्राप्त कर सकता है. सारे हिंदू शास्त्र में जितने भी देवी-देवता के मंत्र है उनमें महामृत्युंजय मंत्र को सबसे बड़ा मंत्र माना गया है. जो भी जाता इस मंत्र का नियमित तौर पर जाप करता है उसके मन से मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है और सभी प्रकार के सांसारिक रोग और कष्टों से भी मुक्ति मिलती है.
दिव्य पौराणिक ग्रंथ शिव पुराण मैं भी इस बात का उल्लेख किया गया है कि जो मनुष्य इस दिव्य मंत्र का सवा लाख बार जाप करता है तो उस जातक के जीवन में आने वाले तमाम कष्ट और दुख समाप्त हो जाते हैं और उसे दीर्घायु प्राप्त होती है और इतना ही नहीं मृत्यु के बाद उसे मोक्ष की भी प्राप्ति होती है. अगर आप इस मंत्र का अति उत्तम फल पाना चाहते हैं तो इस मंत्र का जाप किसी भी मंदिर में शिवलिंग के समीप बैठकर करें तो आपको इस मंत्र के जाप के दुगने फल प्राप्त होंगे.
महादेव मंत्र
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यह एक ऐसा दिव्य और चमत्कारी मंत्र है जिसका नियमित जाप करने से आपकी हर इच्छाएं पूरी होती है. ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार भी जो भी मनुष्य सच्चे मन से इस मंत्र का जाप करके भगवान शिव की उपासना करता है तो भगवान शिव स्वयं उसके सारे कष्ट हर लेते हैं और उसकी हर इच्छा पूर्ति का वरदान उस मनुष्य को प्रदान करते हैं.
अगर आपके जीवन में भी कई सारी समस्याएं हैं जिनका समाधान आप निकाल नहीं पा रहे हैं और आपकी कोई ऐसी इच्छा है जो पूर्ण नहीं हो पा रही है जैसे कि मनचाही नौकरी, व्यापार में हानि विवाह आदि तो आप इस मंत्र का नियमित रूप से जाप करें आप स्वयं देखेंगे कि आपके जीवन में आने वाली हर प्रकार की समस्याओं का नाश हो रहा है और आपकी मन की इच्छाएं पूर्ण हो रही है
शिव जी का परिवार
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हर हिंदू धर्म के मनुष्य के लिए भगवान शिव जी और उनके परिवार और उन सब की महिमा के बारे में जानना अति उत्तम फलदाई ज्ञान होता है हमारे हिंदू धर्म में प्रमुख पूजे जाने वाले भगवान शिव माता पार्वती श्री गणेश और रिद्धि सिद्धि का विशेष स्थान है. किसी भी दैविक कार्य को बिना इनके संभव नहीं किया जा सकता. जैसे कि आप जानते हैं भगवान शिव तो मात्र शिवलिंग पर एक लोटा जल डालने से ही प्रसन्न हो जाते हैं और अपने भक्तों की हर मनोकामना पूर्ण कर देते हैं. तो आईये जानते हैं भगवान शिव जी के परिवार के बारे में.
शिव जी की पत्नी अर्थात उनकी जीवन संगिनी माता पार्वती है. माता पार्वती को हम कई रूप से जानते हैं माता पार्वती ही अंबे, जगदंबे, काली और भगवती है. माता पार्वती शक्ति का स्रोत और पुंज है. बिना माता पार्वती की शक्ति के कोई भी कार्य पूर्ण नहीं हो सकता. भगवान शिव के अर्धनारीश्वर रूप से हमें यही शिक्षा मिलती है कि माता पार्वती की शक्ति कि बिना भगवान शिव अधूरे हैं. जब कभी भी सारे देवी देवता किसी महा आपदा या संकट में फंस जाते हैं तो मां पार्वती ही शक्ति का अवतार लेकर उन्हें उनकी पीड़ा से मुक्त करती है.
भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र
माता पार्वती और शिव भगवान और शिव परिवार के सबसे बड़े पुत्र कार्तिकेय जी हैं. कार्तिकेय जी को देवताओं का सेनापति भी कहा जाता है कार्तिकेय जी ने अपने शिशु अवस्था में एक दानव जिसका नाम तारकासुर था उसका वध किया था और अपनी ताकत को लोहा तीनो लोक में मनवाया था. कार्तिकेय का वाहन वाहन मयूर अर्थात मोर है. इनकी पत्नी का नाम देवसेना है
माता पार्वती और शिव भगवान के दूसरे पुत्र गणेश जी हैं और जैसा कि आप सब जानते ही होंगे कि हमारे हिंदू शास्त्र में प्रथम पूज्य कोई देव है तो वह है भगवान श्री गणेश. बिना इनके आशीर्वाद के किसी भी कार्य को पूर्ण कर पाना अत्यंत थी मुश्किल है और अगर किसी कार्य को प्रारंभ करने से पहले भगवान श्री गणेश का आशीर्वाद प्राप्त हो गया तो उस कार्य को सिद्ध होने से कोई नहीं रोक सकता भगवान श्री गणेश विद्या के भी देवता हैं और वह परम बुद्धिमान हैं. भगवान श्री गणेश ने ही कई बार असुरों और देवताओं के घमंड को चूर चूर किया है. हर देवी देवताओं में भगवान श्री गणेश जी है जो अत्यधिक नटखट भी है. हाथी का सर अर्थात गजमुख होने के कारण इन्हें गणेश, गजानन, गजमुखी और गणु नाम से भी जाना जाता है.
शिवजी का प्रमुख त्योहार
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महाशिवरात्रि शिव जी का प्रमुख त्योहार है इस त्यौहार को फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को मनाया जाता है और ऐसा माना जाता है कि इसी दिन सृष्टि का प्रारंभ यानि शुरुआत हुआ था.
हमारे हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन ही सृष्टि का आरंभ अग्नि लिंग जो कि शिव जी का विशाल का स्वरूप है उससे हुआ था. आपको इस बात को जानकर आश्चर्य होगा कि इसी दिन भगवान शिव का विवाह माता पार्वती के साथ हुआ था. पूरे साल में 12 शिवरात्रिओं में महाशिवरात्रि को ही सबसे महत्वपूर्ण शिवरात्रि मानी जाती है. इस दिन भक्तों रात भर जागकर भगवान शिव की उपासना करते हैं और उनके भजन गाकर उनसे कृपा दृष्टि की प्रार्थना करते हैं. सिर्फ भारत ही नहीं पूरी दुनिया में महाशिवरात्रि का पर्व बहुत उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है.
हम उम्मीद करते हैं कि हमारे इस लेख से आपको शिव मंत्र / Shiv ji ka mantra के बारे में हर बारीक जानकारी प्राप्त हुई होगी अगर आपके मन में अब भी शिव मंत्र को लेकर कोई भी सवाल है तो आप निसंकोच होकर हम से संपर्क कर सकते हैं हम आपके हर सवालों का जवाब जल्द से जल्द देंगे.
जय महाकाल….