रोग दूर करने के हनुमान जी के टोटके, जो करेंगे हर रोगों का नाश.

रोग दूर करने के हनुमान जी के टोटके

रोग दूर करने के हनुमान जी के टोटके की विस्तृत जानकारी आज हम आपको इस अध्याय में देने जा रहे हैं जिसका उपयोग अगर आप सही विधि विधान और सच्ची श्रद्धा के साथ करते हैं तो यकीन मानिए बड़े से बड़े और असाध्य रोग भी इन टोटकों से ठीक हो सकते हैं। आज के इस अध्याय को शुरू करने से पहले मैं आप सब से विनती करूंगा कि किसी भी रोग को ठीक करने के लिए टोटके या मंत्र का उपयोग करने से पहले किसी अच्छे चिकित्सक से अपनी जांच कराएं और उनके निर्देश अनुसार दिए गए दवाइयों का नियमित सेवन करें और साथ ही साथ इन टोटकों और मंत्रों का भी उपयोग करें तभी आपको पूर्ण लाभ मिलेगा।

बीमारी या रोग एक ऐसा श्राप है जो अगर किसी व्यक्ति के जीवन में एक बार आ जाए तो उस व्यक्ति का पूरा जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है और साथ ही साथ उसके परिवार वालों को भी काफी अधिक मानसिक पीड़ा सहनी पड़ती है। इस संसार में कुछ रोग ऐसे हैं जिन्हें चिकित्सा के द्वारा ठीक किया जा सकता है पर जिन रोग को चिकित्सा के द्वारा ठीक नहीं किया जा सकता उनके लिए हमारे पौराणिक शास्त्रों में कुछ ऐसे टोटके और मंत्र दिए गए हैं जिनका उपयोग अगर व्यक्ति सही विधि विधान से करता है तो उसे उन रोगों से मुक्ति मिलती है और ईश्वर की कृपा से उसकी जिंदगी में सुख शांति का आगमन होता है।

असाध्य रोग दूर करने के हनुमानजी के टोटके काफी अधिक शक्तिशाली होते हैं और सच्ची भक्ति और श्रद्धा से करने पर हनुमान जी अपने भक्तों के सारे कष्ट हर लेते हैं। तो आइए अब जान लेते हैं कि हनुमान जी के इन टोटकों का उपयोग करके आप अपने रोगों से मुक्ति कैसे पा सकते हैं।

रोग दूर करने के हनुमान जी के टोटके जो देते हैं 100% परिणाम

रोग दूर करने के हनुमान जी के टोटके जो देते हैं 100% परिणाम

रोग दूर करने के लिए हनुमान जी का यह टोटका काफी अधिक सरल है और कोई भी आम इंसान इसे आसानी से अपने घर में कर सकता है और जैसा कि हमने पहले ही कहा मंत्र और टोटके के उपयोग के साथ-साथ अपने चिकित्सक की भी सलाह मशवरा करते रहें और उनके दवाइयों का भी सेवन करते रहें।

इस टोटके का इस्तेमाल केवल मंगलवार या शनिवार को ही करें सबसे पहले चांदी या लकड़ी की एक हनुमान जी की प्रतिमा को अपने घर में विधि विधान से स्थापित करें और उसके पश्चात हनुमान जी के प्रतिमा के सामने नईवैद्य, पीले पुष्प, सिंदू,र बेसन के लड्डू, धूप, अगरबत्ती और एक तांबे के लोटे में थोड़ा सा जल और उसमें कुछ तुलसी के पत्ते डालकर हनुमान जी की प्रतिमा के सामने समर्पित करें और उनकी विधि पूर्वक पूजा अर्चना करें और रोगी को हनुमान जी की प्रतिमा के सामने बैठा कर नीचे दिए गए मंत्र का 1001 बार जाप कराएं। अगर रोगी मंत्र जाप करने में असमर्थ है तो रोगी का कोई सगा संबंधी या रिश्तेदार भी इस मंत्र का जाप रोगी के लिए कर सकता है।

ॐ नमो भगवते आंजनेयाय ।
जन्‍मान्‍तर पापं व्‍याधिरूपेण ।
तच्‍छान्ति बाधते महाबलाय स्‍वाहा ॥

मंत्र जाप समाप्त होने के बाद हनुमान जी के सामने रखे तांबे के लोटे को लेकर उसमें रखे जल को रोगी को पिलाएं और साथ ही तुलसी के पत्ते को भी रोगी को प्रसाद के रूप में दें। इस प्रक्रिया को लगातार 11 शनिवार या मंगलवार करने से बड़े से बड़े असाध्य रोग भी हनुमान जी की कृपा से ठीक हो जाते हैं और रोगी एक स्वस्थ और खुशहाल जीवन जी पाता है।

इस टोटके को करते समय एक बात का विशेष ध्यान रखें कि जिस भी मंगलवार या शनिवार को आप इस टोटके को करें उस दिन घर में मांस मदिरा का सेवन ना हो अन्यथा इस टोटके का लाभ रोगी को प्राप्त नहीं होगा।

रोग मुक्ति के टोटके

रोगों से मुक्ति के लिए हनुमान जी का यह टोटके भी काफी प्राचीन है और अति शक्तिशाली टोटके हैं जो अपना प्रभाव शत-प्रतिशत दिखाते हैं। हनुमान जी के इस टोटके का उपयोग भी केवल शनिवार को ही करें और वह भी सूर्य अस्त होने के बाद। अगर इस टोटके को रोगी स्वयं करें तो इसके विशेष लाभ प्राप्त होते हैं पर किसी कारणवश रोगी इस टोटके को करने में असमर्थ है तो रोगी का कोई सगा संबंधी या रिश्तेदार भी इस टोटके को कर सकता है।

सबसे पहले शनिवार की शाम स्नान करके शुद्ध हो जाए और बाजार से 51 पान के पत्ते लें और उन पान के पत्तों को लेकर हनुमान जी के मंदिर जाएं और हनुमान जी के चरणों की सिंदूर को लेकर पान के पत्तों पर रोगी का नाम और रोगी का गोत्र भी पान के पत्तों पर लिखें। सारे पान के पत्तों पर रोगी का नाम और गोत्र लिखने के बाद इन पत्तों को हनुमान जी के चरणों में अर्पित कर दें और उनके सामने बैठकर हनुमान बाहुक का एक पाठ करें और उसके बाद उनके भुजा की सिंदूर को लेकर रोगी के माथे पर लगाएं। इस प्रक्रिया को लगातार 21 शनिवार करने से बड़े से बड़े रोगों से भी मुक्ति प्राप्त होती है।

हृदय रोग का नाश करने के लिए शक्तिशाली मंत्र

हृदय रोग का नाश करने के लिए शक्तिशाली मंत्र

हृदय का रोग भी एक ऐसी बीमारी है जिससे व्यक्ति को काफी अधिक मानसिक और शारीरिक पीड़ा का सामना करना पड़ता है और कई बार ऐसा होता है कि काफी पैसे खर्च करने के बाद भी हृदय रोग का इलाज ठीक से नहीं हो पाता है और यह समस्या जीवन भर बनी रहती है। ज्योतिष शास्त्र में हृदय रोग का नाश करने के लिए देवी का एक शक्तिशाली मंत्र है जो दुर्गा सप्तशती के पाठ से लिया गया है और यह काफी अधिक लाभकारी सिद्ध होता है हृदय रोग का नाश करने के लिए।

यह काफी सरल उपाय है और आम इंसान भी इसे आसानी से अपने घर में कर सकता है सबसे पहले अपने पूजा घर में मां दुर्गा की तस्वीर को विधिपूर्वक स्थापित करें एक बात का विशेष ध्यान रखें कि मां दुर्गा की प्रतिमा को स्थापित ना करें सिर्फ मां दुर्गा की तस्वीर को ही स्थापित करें उसके बाद मां दुर्गा की विधि पूर्वक पूजा अर्चना करने के बाद उनके सामने बैठकर नीचे दिए गए मंत्र का 512 बार जाप करें और इस प्रक्रिया को लगातार 51 दिनों तक करें।

क्क घन्नघ मित्रामहः आरोहन्नुत्तरां दिवम्, हृद्रोग मम् सूर्य हरि मांण् च नाश्यं

जो भी पुरुष या महिला जो ह्रदय रोग से पीड़ित हो मां दुर्गा के इस मंत्र का सच्चे मन से जाप करने से हृदय रोग से मुक्ति मिलती है और वह रोग जीवन में दोबारा कभी उन्हें परेशान नहीं करता पर फिर भी हम आप सब से विनती करेंगे कि मंत्रों का उच्चारण और टोटकों के साथ-साथ अपने डॉक्टर से चिकित्सा सलाह भी लेते रहें और उनके निर्देशों के अनुसार बताए गए दवाइयों का भी सेवन समय पर करते रहें।

इस टोटके से होता है हर बीमारी का नाश

हनुमान जी का यह टोटका भी काफी असरदार होता है किसी भी बीमारियों का नाश करने के लिए इस टोटके का इस्तेमाल केवल मंगलवार के दिन ही करें सबसे पहले मंगलवार के दिन स्नान करके शुद्ध हो जाएं और अपने घर में ही देसी घी, उड़द का आटा और बेसन को मिलाकर हनुमान जी की एक प्रतिमा बनाएं और अपने पूजा घर में उस प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा करें। हनुमान जी की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा करने के बाद उनके सामने सरसों का एक दीपक जलाएं, दीपक जलाने के लिए आटे का दीपक का इस्तेमाल करें और उनकी विधि पूर्वक पूजा अर्चना करने के बाद नीचे दिए गए मंत्र का 108 बार जाप करें।

देहि सौभाग्यमारोग्यं, देहि मे परमं सुखम्। रूपं देहि, जयं देहि, यशो देहि, द्विषो जह‍ि

इस विधि को लगातार 21 दिनों तक सच्चे मन से करने से रोगों से मुक्ति मिलती है और हनुमान जी की कृपा से जीवन में सुख शांति का आगमन होता है।

निष्कर्ष

रोग दूर करने के हनुमान जी के टोटके काफी अधिक शक्तिशाली और प्रभावशाली होते हैं और अगर सच्चे मन से इनका उपयोग किया जाए तो यह शत-प्रतिशत अपना लाभ देते हैं। हम जानते हैं कि आज के इस आधुनिक युग में टोटके और मंत्र पर कई लोग विश्वास नहीं करते हैं और वह सोचते हैं कि यह सब अंधविश्वास है और इन से किसी को कोई लाभ प्राप्त नहीं होता, पर हम अपने सालों के अनुभव से आपके साथ ही इस बात को साझा कर रहे हैं कि हमारे शास्त्रों में दिए गए मंत्र और टोटके काफी अधिक प्रभावशाली होते हैं पर इनका विशेष लाभ हमें तभी प्राप्त होता है जब हम पूरे विश्वास और सच्चे मन के साथ इनका उपयोग करते हैं।

अगर आप भी ऐसी परिस्थिति में है जहां पर आपको या आपके परिवार में किसी को कोई असाध्य रोग है और काफी चिकित्सा और उपचार के बाद भी उन्हें लाभ प्राप्त नहीं हो रहा है तो हमारा आप सभी से आग्रह होगा कि इन टोटके और मंत्रों का उपयोग एक बार जरूर करके देखें और अगर आप सच्चे मन से इन टोटके का इस्तेमाल करेंगे तो यकीन मानिए आपको जीवन में इनके शुभ फल जरूर प्राप्त होंगे और हनुमान जी के कृपा से आपके सारे रोग और दुख दूर होंगे।

हनुमान जी की कृपा आप पर सदैव बनी रहे

जय श्री राम

जय वीर हनुमान

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