सुख, प्रेम संबंध, सुंदरता और सौभाग्य की कुंजी
शुक्र ग्रह के बीज मंत्र (Beej Mantra for Shukra) को ज्योतिष शास्त्र में अत्यंत उपयोगी और शक्तिशाली मंत्र माना गया है जिसके निरंतर जाप से व्यक्ति को जीवन में धन, सौभाग्य, प्रेम और समृद्धि प्राप्त होती है. वैसे तो मनुष्य के कुंडली में सभी नौ ग्रह महत्वपूर्ण होते हैं पर सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण ग्रह अगर सूर्य के बाद किसी ग्रह को माना जाता है तो वह शुक्र ग्रह है, क्योंकि यही वह ग्रह है जो मनुष्य की हर मनोकामनाओं को पूर्ण करता है जिससे मनुष्य के जीवन में सुख समृद्धि और सौभाग्य आता है.
“ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः”
आज के हमारे इस लेख में हम आपको शुक्र बीज मंत्र, शुक्र बीज मंत्र के फायदे और शुक्र बीज मंत्र की जाप विधि की संपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे जिसका उपयोग करके आप शुक्र ग्रह के शुभ परिणाम को प्राप्त कर सकते हैं. आज के इस लेख को शुरू करने से पहले मैं आप सभी से निवेदन करूंगा कि अगर आपने हमारा पिछला लेख आकर्षण बीज मंत्र ना पड़ा हो तो उसे भी अवश्य पड़े, आकर्षण बीज मंत्र का जाप करके भी आप जीवन में कई सारी मनोकामनाओं को पूर्ण कर सकते हैं।
शुक्र बीज मंत्र क्या है?
हमारे ज्योतिष हमारे ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्र बीज मंत्र शुक्र ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है और जो भी व्यक्ति इस मंत्र का नियमित जाप करता है उसे जीवन में कई सारे लाभ प्राप्त होते हैं जैसे की प्रेम, धन, सौभाग्य, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार आदि। आपकी जानकारी के लिए बता दे की हर मनुष्य के जीवन में उसका सौभाग्य प्रेम और उसकी सुंदरता की गणना शुक्र ग्रह के द्वारा ही अनुमानित की जाती है।
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर है तो उसके जीवन में पैसा उसकी सुंदरता और समाज में उसका मान सम्मान कम होता है और दूसरी तरफ वैवाहिक जीवन में भी काफी अधिक तनाव आ सकते है, इसलिए ज्योतिष हमेशा इस बात की सलाह देते हैं कि हर व्यक्ति को कम से कम शुक्रवार के दिन उपवास रखना चाहिए और शुक्र मंत्र का नियमित जाप करना चाहिए जिससे जीवन में और हमारी कुंडली की कई सारी परिस्थितियों बेहतर हो सकती हैं।
शुक्र बीज मंत्र के फायदे
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस मंत्र के कई सारे फायदे हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार है –
- सौभाग्य का वरदान – शुक्र बीज मंत्र के नियमित जाप से मनुष्य के सौभाग्य में अत्यधिक सुधार होता है और उसके जीवन में ढेर सारी खुशियां आती हैं जिससे मनुष्य जीवन में कई सारी उपलब्धियां को हासिल कर पता है।
- प्रेम और सौंदर्य – इस मंत्र का सच्चे मन से जाप करने से मनुष्य के जीवन में प्रेम और सौंदर्य बढ़ता है और व्यक्ति अत्यधिक आकर्षण होता है।
- धन संपदा – यह मंत्र अत्यंत शक्तिशाली है और इसके जप से मनुष्य की आर्थिक स्थिति अत्यधिक सुधरती है और वह मनुष्य अपने जीवन में धन संचय करने में भी सक्षम हो पता है।
- रोग निवारण – इस बीज मंत्र से मनुष्य रोगों का निवारण करने में सक्षम हो पता है और उसके शारीरिक स्वास्थ्य में भी अत्यधिक सुधार होता है।
- मनोबल – यह मंत्र सिर्फ शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक स्थिति में भी सुधार लाता है और मनुष्य के मनोबल में वृद्धि करता है और उसके आसपास मौजूद तांत्रिक दुर्बलता को भी काम करता है।
- संकटों से सुरक्षा – इस मंत्र का जप मनुष्य को दुश्मनों और संकटों से सुरक्षित रखता है।
- कार्यों में सफलता – इस मंत्र के जप से मनुष्य अपने हर कार्य को सफलतापूर्वक कर पता है जिससे उसका आत्मविश्वास बढ़ता है और जीवन में सफलता प्राप्त होती है।
शुक्र बीज मंत्र जाप विधि
बीज मंत्र का संपूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिए मनुष्य को कुछ बातों का ध्यान रखना अत्यंत ही आवश्यक है अन्यथा आपको इस मंत्र के लाभ प्राप्त नहीं होंगे. आपके मार्गदर्शन के लिए हमने नीचे कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां दी है जो इस प्रकार है :-
- समय और स्थान का चयन – किसी भी बीज मंत्र का जाप निश्चित समय और शुभ स्थान पर ही करें, जैसे कि सुबह पूजा करने के बाद अपने पूजा घर में या अपने कक्ष में।
- तन और मन की शुद्धि – मंत्रो का जाप करने से पहले स्नान करके शुद्ध हो जाए और साफ और स्वच्छ वस्त्र पहन कर ही जाप करें।
- माला का उपयोग – मंत्र जाप के लिए माला का प्रयोग अवश्य करें आप चाहे तो स्फटिक या तुलसी की माला का उपयोग कर सकते हैं।
- मंत्र का जाप – शास्त्रों के अनुसार बीज मंत्र का जाप काम से कम 108 बार करना चाहिए पर अगर आप सक्षम है तो 1008 या 10,8000 बार भी कर सकते हैं।
- अनुशःशान – किसी भी मंत्र का लाभ पाने के लिए मंत्र जाप में अनुशासन जरूर बनाए रखें और निश्चित और नियमित समय और स्थान पर ही रोजाना करें।
- गुरु का मार्गदर्शन – अगर संभव हो तो किसी भी बीज मंत्र का जप शुरू करने से पहले अपने गुरु से मार्गदर्शन आवश्यक हासिल करें ताकि वह आपको मंत्र जाप की सही विधि और आपकी मानसिक भावना को स्थिर रखने में आपकी मदद कर सके।
शुक्र ग्रह के अन्य उपयोगी मंत्र
शुक्र ग्रह की उपासना करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कई सारे मंत्र मौजूद हैं जिसका व्यक्ति अपनी इच्छा और जीवन की मनोकामनाओं को पूर्ण करने के लिए कर सकता है –
मूल मंत्र / बीज मंत्र
“ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः”
यह शुक्र ग्रह का बीज मंत्र है जिसे कई जगह मूल मंत्र के नाम से भी जाना जाता है इस मंत्र के नियमित जाप से शुक्र ग्रह की कृपा दृष्टि प्राप्त होती है और उनके आशीर्वाद से जीवन में धन-धान्य सौंदर्य और सौभाग्य प्राप्त किया जा सकता है
शुक्र तंत्र मंत्र
“ऊँ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः। अस्य श्री शुक्रप्रसाद सिद्ध्यर्थे जपे विन्योगः”
यह शुक्र ग्रह को प्रसन्न करने का एक तांत्रिक मंत्र है जिसका उपयोग केवल किसी गुरु या तांत्रिक के मार्गदर्शन में ही किया जाना चाहिए, अन्यथा आपको इसके नकारात्मक परिणाम भी भोगने पड़ सकते हैं यह मंत्र अत्यंत शक्तिशाली है और इसके जप से मनुष्य की हर मनोकामना पूर्ण होती है.
शुक्र गायत्री मंत्र
“ऊँ महाशुक्राय विद्महे पुष्पबाणाय धीमहि। तन्नो शुक्रः प्रचोदयात्”
इस मंत्र के नियमित जाप से मनुष्य के भीतर मौजूद नकारात्मक शक्तियां और विचारों का नाश होता है और शुक्र ग्रह के आशीर्वाद से उसे मनुष्य को बल बुद्धि सौंदर्यता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
शुक्र बृज मंत्र
“ॐ शुक्राय नमः”
यह शुक्र का सबसे सरल और प्रभावशाली मंत्र है इसके नियमित जाप से शुक्र ग्रह के प्राकृतिक गुण को प्राप्त किया जा सकता है, आप इस सरल मंत्र का जब रोज सुबह स्नान करके पूजा आदि करने के बाद कर सकते हैं, पर ध्यान रहे कि इस मंत्र का जब भी कम से कम 108 बार रोजाना अवश्य करें।
शुक्र स्तोत्र मंत्र
“ॐ शुक्राय विद्महे रत्ननीलाय धीमहि। तन्नो शुक्रः प्रचोदयात्”
यह मंत्र शुक्र ग्रह के प्रति भक्ति और स्तुति को प्रस्तुत करने के लिए किया जा सकता है और इसके नियमित जाप से उसे ग्रह की उसे ग्रह का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
शुक्र ग्रह को कैसे प्रसन्न करें ?
वैसे तो ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर ग्रह को प्रसन्न करने की अलग विधि और विधान होता है, पर अगर आप चाहते हैं कि शुक्र ग्रह को प्रसन्न करके अपने जीवन में सौंदर्य सौभाग्य और शुभता प्राप्त करना चाहते हैं तो नीचे दिए गए उपायों को अवश्य करें।
- रोजाना शुक्र ग्रह का मूल मंत्र या बीज मंत्र का 108 बार जाप करें।
- रोज सुबह और शाम पूजा अर्चना अवश्य करें।
- हर शुक्रवार शाम को सूर्य अस्त होने के बाद किसी बेसहारा मनुष्य की सेवा करें या उसे दान में कुछ पैसे या भोजन दें।
- अगर हो सके तो शुक्रवार का व्रत अवश्य रखें और शुक्रवार के दिन सफेद कपड़े का उपयोग ज्यादा करें।
- साल में एक बार किसी भी मंदिर में शुक्र ग्रह की शांति के लिए पूजा अवश्य करें।
- महिलाओं का सम्मान अवश्य करें, शास्त्रों के अनुसार जो मनुष्य महिलाओं का सम्मान नहीं करता है उसका शुक्र ग्रह हमेशा कमजोर रहता है।
- अपशब्द और कड़वे वचन का उपयोग न करें ऐसा करने से भी मनुष्य की कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर होता है।
शुक्र बीज मंत्र का जाप कब करना चाहिए
- ब्रम्हा मुहूर्त – किसी भी अन्य मंत्र की तरह शुक्र बीज मंत्र का जप भी ब्रह्म मुहूर्त यानी सूर्य उदय के लगभग 45 मिनट पहले करना सबसे शुभ और उचित माना गया है शास्त्रों के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त में आकाश शुद्ध और शांत होता है और मंत्रो का प्रभाव बढ़ जाता है।
- शुक्रवार का दिन – अगर आप चाहे तो हफ्ते में एक दिन केवल शुक्रवार को भी मंत्र का 108 बार जाप करके लाभ प्राप्त कर सकते हैं क्योंकि शुक्र ग्रह का दिन शुक्रवार होता है और इस दिन सच्चे मन से जाप करने से आपको इस मंत्र के लाभ प्राप्त हो सकते हैं।
- प्रतिदिन नियमित जाप से इस मंत्र का संपूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिए प्रतिदिन नियमित जाप करना अनिवार्य है तभी आपको इस ग्रह के आशीर्वाद प्राप्त होंगे।
- मन को एकाग्र रखें मंत्र जाप करते समय अपने मन को एकाग्र रखें और किसी भी प्रकार की अन्य भावनाओं को मन में ना रखें।
कैसे पता करें कि शुक्र अशुभ है या शुभ
जिस मनुष्य के भी कुंडली में शुक्र ग्रह अशुभ स्थिति में होता है उसे जीवन में कुछ लक्षण दिखाई देते हैं जिनके आधार पर यह निर्धारित किया जाता है कि उसे मनुष्य के कुंडली में शुक्र ग्रह खराब है. नीचे हमने कुछ ऐसे लक्षण बताएं हैं जिनके आधार पर आप समझ सकते हैं कि अगर यह लक्षण आपके जीवन में भी हैं तो यह 100% जरूर है कि आपकी कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर है।
- चेहरे और शरीर में सुंदरता की कमी.
- पारिवारिक संबंधों में तनाव.
- धनिया संपत्ति की समस्या.
- प्रेम संबंधों में अनबन.
- जीवन में सफलता की कमी.
- समाज में मान सम्मान न मिलाना.
- बालों का अधिक झड़ना या सफेद होना.
- आंखों के नीचे काले गड्ढे या दाग होना.
यह कुछ मुख्य लक्षण है जो शुक्र ग्रह कमजोर होने पर मनुष्य के जीवन पर आते हैं अगर ऐसी कोई लक्षण आपके जीवन में भी है तो हम आप से निवेदन करेंगे कि आप अपनी कुंडली किसी अच्छे ज्योतिषी से जांच कारण और शुक्र ग्रह को मजबूत करने के लिए उपाय करें।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
शुक्र बीज मंत्र भगवान शुक्र का प्रतिनिधित्व करता है, इस मंत्र के जप से मनुष्य को जीवन में सफलता और उन्नति और सौंदर्य की प्राप्ति होती है।
शुक्र बीज मंत्र का मुख्य उद्देश्य शुक्र ग्रह के शुभ परिणाम को प्राप्त करने में सफलता हासिल करने का है।
जी हां, शुक्र बीज मंत्र का जाप बिना गुरु के मार्गदर्शन के भी किया जा सकता है पर अगर आप इस मंत्र का अत्यधिक लाभ प्राप्त करना चाहते हैं तो ज्योतिष गुरु के मार्गदर्शन में अवश्य करें।
जो भी मनुष्य सच्ची श्रद्धा और पूर्ण भक्ति के साथ मंत्र का जाप करता है उसे कुछ ही दिनों में इस मंत्र का फल प्राप्त होता है।
नवग्रह बीज मंत्र को सुनने मात्र से हो जाते हैं हर दुःख और कष्ट दूर