Bhojan mantra सफल भोजन मंत्र जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और पराक्रम के लिए.

bhojan mantra
Bhojan mantra

Bhojan mantra in hindi & sanskrit – अर्थ के साथ

विश्व की हर संस्कृति में अन्न यानि भोजन को सम्मान देने की अपनी अपनी परंपरा है, पर हमारे भारत में हम अपने भोजन को सिर्फ सम्मान ही नहीं उसकी पूजा भी करते हैं । पौराणिक समय में भोजन को ग्रहण करने से पहले Bhojan mantra का जाप किया जाता था जिससे भोजन की शुद्धता और पवित्रता काफी बढ़ जाती थी। भोजन मंत्र का जाप करने के बाद भोजन ग्रहण करने से मनुष्य को कई तरह के फायदे होते हैं।

आज के इस लेख में हम आपको तीन Bhojan mantra के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे जिसमें पहला है भोजन मंत्र जो संस्कृत में है दूसरा है भोजन मंत्र जिस का अनुवाद हिंदी में है और उसके पश्चात हम यह भी बताएंगे कि भोजन ग्रहण करने के बाद भी एक मंत्र है जिसका जाप करना अनिवार्य होता है ताकि आपको अपने भोजन का संपूर्ण लाभ मिले।

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भोजन मंत्र के लाभ

अन्न यानि भोजन को ग्रहण करने से पहले भोजन मंत्र (Bhojan mantra) का जाप करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि मंत्रों की ऊर्जा से आपके भोजन में अगर कोई भी नकारात्मक ऊर्जा होगी तो वह इस मंत्र से दूर हो जाती है साथ ही साथ मंत्र जाप करने के बाद उस भोजन को ग्रहण करने से आप खुद समृद्ध महसूस करते हैं और उस भोजन का पूर्ण पोषण आपको प्राप्त होता है.

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भोजन ग्रहण कैसे करें

Bhojan mantra
Bhojan Mntra – भोजन ग्रहण कैसे करें

हमेशा भोजन ग्रहण करने से पहले हमें कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए जो इस प्रकार है :-

  1. भोजन ग्रहण करने से पहले हमेशा अपने हाथ पैर अच्छे से धोए।
  2. भोजन ग्रहण करने से पहले या करते समय अपने मन को शांत रखें मन में किसी भी बात का क्रोध या द्वेष ना रखें और अपना पूरा ध्यान अपने भोजन में ही रखें।
  3. हमेशा जमीन पर पालथी मारकर बैठ कर ही भोजन करें । जमीन पर पालथी मारकर भोजन करने से आपकी पाचन क्षमता बढ़ती है।
  4. भोजन करने से पूर्व और भोजन करने के बाद भोजन मंत्र का एक बार जाप अवश्य करें।
  5. जितना हो सके कम बात करें।
  6. भोजन करते समय कम मात्रा में पानी का सेवन करें।

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Bhojan mantra संस्कृत में

Bhojan mantra संस्कृत में
Bhojan mantra संस्कृत में

वास्तव में देखा जाए तो यह भोजन मंत्र नहीं है बल्कि कृष्ण यजुर्वेद से ली गई एक प्रार्थना है जिसके द्वारा हम अपने भोजन को आदर और सम्मान प्रस्तुत करते हैं और उनसे प्रार्थना करते हैं कि वह हमारे शारीरिक और मानसिक रक्षा करें।

ॐ सह नाववतु सह नौ भुनक्तु।
सह वीर्यं करवावहै तेजस्विनावधीतमस्तु।
मा विद्‌विषावहै॥ ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥

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भोजन मंत्र का अर्थ, meaning of bhojan mantra

इस Bhojan mantra का अर्थ है – आइए हम साथ-साथ एक दूसरे की रक्षा करें, हम साथ-साथ एक दूसरे का पालन पोषण करें, हम दोनों साथ मिलकर पराक्रमी बने और हम जो भी कुछ ग्रहण करते हैं या पढ़ते हैं उससे हमारा भविष्य सफल उज्जवल और पराक्रमी बने। हम दोनों के बीच में कभी भी किसी बात का कोई द्वेष या नफरत ना हो.

वास्तव में यह एक प्रार्थना मंत्र है जिसे समय के साथ-साथ भोजन मंत्र (bhojan mantra) का नाम दे दिया गया है. इस प्रार्थना मंत्र द्वारा गुरु और शिष्य एक साथ प्रार्थना करते हैं ताकि उनका भविष्य कल्याणकारी और पराक्रमी हो और यही एक कारण है कि इस प्रार्थना मंत्र को भोजन करने के पूर्व जाप किया जाता है जिस वजह से इसे कई बार प्रार्थना मंत्र की बजाए भोजन मंत्र समझ लिया जाता है।

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प्रार्थना मंत्र के बाद इस भोजन मंत्र का जाप अवश्य करे

आपके द्वारा ग्रहण किए गए भोजन का पूर्ण लाभ लेने के लिए ऊपर बताए गए प्रार्थना मंत्र के बाद एक बार इस मंत्र का जाप अवश्य करें :-

ॐ ब्रहमार्पणं ब्रहमहविर्‌ब्रहमाग्नौ ब्रहमणा हुतम् ।
ब्रहमैव तेन गन्तव्यं ब्रहमकर्मसमाधिना ॥

इस bhojan mantra का अर्थ है कि जिन वस्तुओं को हम खुद के लिए ग्रहण करने के लिए उपयोग करते हैं वे स्वयं परम ब्रह्म है, भोजन ही साक्षात ब्रह्मा है, मनुष्य को जब भूख लगती है तब उसे भूख की आग में वह ब्रह्मा को महसूस करता है, मनुष्य के भोजन की खाने की प्रक्रिया और पचाने की प्रक्रिया स्वयं ब्रह्मा की क्रिया है और अंत में हम प्राप्त परिणाम ब्रह्मा हैं.

भोजन के बाद जो अपने वाला मंत्र

आप में से बहुत कम लोग इस बात को जानते होंगे कि भोजन समाप्त करने के बाद भी एक bhojan mantra का जाप करना चाहिए जिसे करने से आपको अपने भोजन का पूर्णतया लाभ मिलता है और आपकी पाचन क्षमता भी बढ़ती है. जब आपका भोजन समाप्त हो जाए तो अपनी दोनों आंखें बंद करके एक बार इस मंत्र का जाप अवश्य करें :-

अन्नाद् भवन्ति भूतानि पर्जन्यादन्नसंभवः।यज्ञाद भवति पर्जन्यो यज्ञः कर्म समुद् भवः।।

तो यह थी bhojan mantra और उससे जुड़ी हुई कुछ रोचक जानकारियां, हमारा आप सब से आग्रह है कि भोजन करने के पूर्व और भोजन करने के पश्चात इन मंत्रों का जाप अवश्य करें, इन मंत्रों की ऊर्जा से आपके भोजन में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहेगी जिसे ग्रहण करने से आपको उसका पूरा पोषण प्राप्त होगा और आप अपने जीवन में पराक्रमी और सफल बन पाएंगे और किसी भी प्रकार के रोग या बीमारी आपसे कोसों दूर रहेंगे और घर में सुख, शांति, समृद्धि बनी रहेगी।

अगर हमारे द्वारा बताए गए भोजन मंत्र (bhojan mantra) में आपको किसी भी प्रकार की कोई शंका है तो आप निसंकोच होकर हमें अपना संदेश भेज सकते हैं हम आपकी हर शंका का निवारण जल्द से जल्द करेंगे।

धन्यवाद…

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