हनुमान चालीसा का सही अर्थ. Hanuman chalisa meaning in hindi.

Hanuman chalisa meaning in hindi
Hanuman chalisa meaning in hindi

Hanuman chalisa का महत्व.

आज का हमारा विषय है Hanuman chalisa meaning in hindi जिसमें हम हनुमान चालीसा के पाठ का संपूर्ण अर्थ आप को समझाने जा रहे हैं।

जैसा कि आप सब जानते ही होंगे कि हमारे भारतवर्ष में जितनी पूजा श्री रामचंद्र की नहीं होती उससे ज्यादा श्री राम भक्त महावीर हनुमान की होती है. Hanuman chalisa एक ऐसा पाठ है जिसे पढ़ने से पापों से मुक्ति तो मिलती है साथ ही साथ जातक के ऊपर आने वाली कोई भी पीड़ा, आपत्ति या दुख स्वयं श्री हनुमान जी हर लेते हैं. हनुमान चालीसा पढ़ने के बहुत सारे चमत्कारी फायदे भी हैं। हर मनुष्य को अपने जीवन काल में हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए. हनुमान चालीसा का पाठ करने से दुख दूर होते हैं, मनुष्य का भय दूर होता है, बल और बुद्धि मिलती है और साथी साथ आपके मन को असीम शांति भी मिलती है।

तो आइए सबसे पहले जान लेते हैं हनुमान चालीसा का पाठ और उसका अर्थ।

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हनुमान चालीसा का हिंदी अर्थ. Hanuman chalisa meaning in hindi.

Hanuman chalisa meaning in hindi

॥ दोहा ॥

श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारि ।
बरनउँ रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चारि ॥

मैं श्री गुरु महाराज के चरण कमलों की धूली से अपने मन रूपी दर्पण को पवित्र करके श्री रघुिीर के
कीर्ति यश का वर्णन करता हूं, जो चारों फल अर्थात धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को प्रदान करने वाला है।

बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन कुमार ।
बल बुधि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेश विकार ॥

हे पवन कुमार , मैंआपको ध्यान करता हूं। आप जानते है की मेरा शरीर और बुद्धि निर्बल है। कृपा
कीजिये और आप मुझे शारीरिक बल, सद्बुद्धि एवं ज्ञान प्रदान कीजिये और मेरे दुखो व् दोषों का
नाश कर दीजिये।

॥ चौपाई ॥

जय हनुमान ज्ञान गुन सागर
जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥१॥

श्री हनुमान जी की जय हो। हे प्रभ, आपका ज्ञान और गुण सागर समान अथाह है। हे कपीश, आपकी जय हो!
तीनों लोकों भूलोक, स्वर्गलोक और पाताल लोक में आपकी कीर्ति है।

राम दूत अतुलित बल धामा
अंजनि पुत्र पवनसुत नामा॥२॥

हे श्री राम दूत अंजनीपुत्र पवनसुत, आप अतुलित बल के भंडार हैं|

महाबीर बिक्रम बजरंगी
कुमति निवार सुमति के संगी॥३॥

हे महावीर बजरंग बली, आपका पराक्रम विशेष है| आप कुमति को दूर करते है, और निर्मल बुद्धि वालो के
साथी और संगी है।

कंचन बरन बिराज सुबेसा
कानन कुंडल कुँचित केसा॥४॥

आपका स्वर्ण जैसा शरीर है, और आप सुन्दर वस्त्रों, कानों में कुण्डल और घुंघराले बालों से सुशोमभत हैं।

हाथ बज्र अरु ध्वजा बिराजे
काँधे मूँज जनेऊ साजे॥५॥

आप हाथों में वज्र और ध्वजा लिए हुए हैं| आपके कन्धे पर मूंज के जनेऊ शुशोभित है।

शंकर सुवन केसरी नंदन
तेज प्रताप महा जगवंदन॥६॥

हे केसरी नंदन आप प्रभु शंकर जी के अवतार है, आपके यश और पराक्रम की वंदना पूरे जगत में होती है।

विद्यावान गुनी अति चातुर
राम काज करिबे को आतुर॥७॥

आप सभी प्रकार की विद्याओं से परिपूर्ण है, अत्यंत गुणवान और चतुर हैं| प्रभुश्री राम के कार्यों के हेतु आप
सदा आतुर रहते हैं।

प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया
राम लखन सीता मनबसिया॥८॥

आप प्रभु श्री राम जी की कथाएं सुनने मैं अत्यंत आनंद लेते हैं | श्री राम, माता सीता और लक्षमण जी आपके ह्रदय
में बसते हैं।

सूक्ष्म रूप धरि सियहि दिखावा
विकट रूप धरि लंक जरावा॥९॥

आपने अपना बहुत सूक्ष्म रूप सीता जी को दिखलाया और विकराल रूप धारण करके लंका को जलाया।

भीम रूप धरि असुर सँहारे
रामचंद्र के काज सवाँरे॥१०॥

आपने अति विशाल रूप धारण करके राक्षसों का संघार किया और प्रभु श्री रामचन्द्र जी के कार्यों को सफल
किया ।

लाय सजीवन लखन जियाए
श्री रघुबीर हरषि उर लाए॥११॥

आपने संजीविनी बूटी लाकर लक्ष्मण जी के प्राण बचाये, हर्षित होकर श्री रघुवीर ने आपको हृदय से लगाया ।

रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई
तुम मम प्रिय भरत-हि सम भाई॥१२॥

श्री रघुपति ने आपकी बहुत प्रशंसा की और आपको अपने प्रिय भाई भरत के समान माना ।

सहस बदन तुम्हरो जस गावै
अस कहि श्रीपति कंठ लगावै॥१३॥॥

आपका यश हज़ारों मुखो से गाने योग्य है। यह कहकर श्री राम ने आपको अपने हृदय से लगा लिया ।

सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा
नारद सारद सहित अहीसा॥१४॥

श्री सनक आदि ऋषि, ब्रह्मा आदि देवता और मुनि, नारद मुनि जी, सरस्वती जी, शेषनाग जी सभी आपका
गुण गान करते है।

जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते
कवि कोविद कहि सके कहाँ ते॥१५॥

यमराज, कुबेर, दिग्पाल, कवि, विद्वान् आदि अर्थात कोई भी आपके यश का पूर्णतः वर्णन नहीं कर सकते है।

तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा
राम मिलाय राज पद दीन्हा॥१६॥

आपने प्रभु श्रीराम से मिलवा कर सुग्रीव जी के ऊपर उपकार किया जिसके कारण वह राजा बने।

तुम्हरो मंत्र बिभीषण माना
लंकेश्वर भये सब जग जाना॥१७॥

आपके सुझाव का विभीषण जी ने भी पालन किया था जिससे वह लंका के राजा बने । इस को सारा संसार जानता है।

जुग सहस्त्र जोजन पर भानू
लिल्यो ताहि मधुर फ़ल जानू॥१८॥

जो सूर्य कितने सहस्त्र योजन दूरी पर स्थित है उस पर पहुंचने के लिए युग लगते हैं, उस सूर्य को आपने एक मीठा फल समझकर निगल लिया।

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माही
जलधि लाँघि गए अचरज नाही॥१९॥

आपने स्वयं प्रभु श्री रामचंद्र की अंगूठी को अपने मुंह में रखकर समुंद्र को लांग लिया, आपके लिए इसमें कोई आश्चर्य नहीं है।

दुर्गम काज जगत के जेते
सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥२०॥

इस सारे जगत के कठिन से कठिन काम भी आपकी कृपा से सहज हो जाते हैं प्रभु।

राम दुआरे तुम रखवारे
होत ना आज्ञा बिनु पैसारे॥२१॥

आप स्वयं प्रभु श्री रामचंद्र जी के द्वार के रखवाले हैं आपकी आज्ञा के बिना वहां प्रवेश करना नामुमकिन है।

सब सुख लहैं तुम्हारी सरना
तुम रक्षक काहु को डरना॥२२॥

जो कोई भी आप की शरण में आता है वह सारे भक्त आनंद प्राप्त करते हैं और जब आप रक्षक हैं तो फिर किसी बात का भय कैसा।

आपन तेज सम्हारो आपै
तीनों लोक हाँक तै कापै॥२३॥

आपके तेज के सिवाय आपको कोई नहीं रोक सकता आपके हुंकार से तीनों लोक कांप जाते हैं।

भूत पिशाच निकट नहि आवै
महावीर जब नाम सुनावै॥२४॥

जब जब महावीर श्री हनुमान जी का नाम सुनाई देता है तब वहां भूत पिशाच भी पास नहीं आते।

नासै रोग हरे सब पीरा
जपत निरंतर हनुमत बीरा॥२५॥

महावीर हनुमान जी आपके नाम का निरंतर जप करने मात्र से प्राणियों के सब रोग खत्म हो जाते हैं और उनकी सारी पीड़ा आप स्वयं हर लेते हैं।

संकट तै हनुमान छुडावै
मन क्रम वचन ध्यान जो लावै॥२६॥

हे हनुमान जी जो कोई भी आपका मन, कर्म और वचन से ध्यान करता है उन सब को आप संकटों से छुड़ाते हैं।

सब पर राम तपस्वी राजा
तिनके काज सकल तुम साजा॥२७॥

सबसे तपस्वी वह श्रेष्ठ राजा श्रीराम है उनके सभी कार्यों को आपने सहज ही कर दिया।

और मनोरथ जो कोई लावै
सोई अमित जीवन फल पावै॥२८॥

आपके पास मनोरथ लेकर आने वालों को जीवन के सभी फलों की प्राप्ति होती है।

चारों जुग परताप तुम्हारा
है परसिद्ध जगत उजियारा॥२९॥

आपका प्रताप चारों युगों सतयुग, त्रेता, द्वापर और कलयुग में फैला हुआ है आप की प्रसिद्धि से सारा जगत प्रकाशमान है।

साधु संत के तुम रखवारे
असुर निकंदन राम दुलारे॥३०॥

साधु संतों की आप स्वयं रक्षा करते हैं और असुरों का विनाश करते हैं और श्रीराम के आप दुलारे हैं।

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता
अस बर दीन जानकी माता॥३१॥

आप आठ सिद्धि और नौ निधियों के दाता हैं, यह वरदान आपको जानती माता ने दिया है।

राम रसायन तुम्हरे पासा
सदा रहो रघुपति के दासा॥३२॥

आपके पास सारे कष्टों का नाश करने वाले श्री राम नाम की औषधि है, आप सदा श्री रघुपति जी के सेवक बने रहें।

तुम्हरे भजन राम को पावै
जनम जनम के दुख बिसरावै॥३३॥

आपका भजन करने से भक्त श्री राम को प्राप्त करते हैं और उनके जन्म जन्मांतर के दुख दूर हो जाते हैं।

अंतकाल रघुवरपुर जाई
जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई॥३४॥

आपका भक्त अंतिम काल में श्री राम धाम बैकुंठ को जाता है, जहां जन्म लेकर वह हरि भक्त कहलाता है।

और देवता चित्त ना धरई
हनुमत सेई सर्व सुख करई॥३५॥

हे हनुमान जी आपके भक्तों को अन्य किसी देवता को चित में रखने की आवश्यकता नहीं रहती, आपकी सेवा से सब सुखों की प्राप्ति होती है।

संकट कटै मिटै सब पीरा
जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥३६॥

जो महावीर श्री हनुमान जी का सुमिरन करता रहता है उसके सब संकट कट जाते हैं और सारी पीड़ा मिट जाती है।

जै जै जै हनुमान गुसाईँ
कृपा करहु गुरु देव की नाई॥३७॥

हे हनुमान गोसाई आप की सदा ही जय हो, जय हो, जय हो आप मुझ पर कृपालु श्री गुरुदेव के समान कृपा कीजिए।

जो सत बार पाठ कर कोई
छूटहि बंदि महा सुख होई॥३८॥

जो भक्त सौ बार हनुमान चालीसा का पाठ करेगा वह अपने सभी बंधनों से छूट जाएगा और उसे महा सुख की प्राप्ति होगी।

जो यह पढ़े हनुमान चालीसा
होय सिद्ध साखी गौरीसा॥३९॥

जो यह हनुमान चालीसा को पड़ता है उसको सिद्धि प्राप्ति होती है, भगवान शंकर स्वयं इस बात के साक्षी हैं।

तुलसीदास सदा हरि चेरा
कीजै नाथ हृदय मह डेरा॥४०॥

स्वामी श्री तुलसीदास जी कहते हैं मैं सदा श्रीहरि का चेला हूं हे, नाथ आप मेरे हृदय में निवास कीजिए।

॥ दोहा ॥

पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप॥

हे पवन पुत्र, संकट मोचन, मंगल मूर्ति हनुमान जी आप देवताओं के देवता श्री राम, सीता माता और लक्ष्मण जी सहित मेरे हृदय में निवास कीजिए।

—- सियावर रामचंद्र की जय, पवनसुत हनुमान की जय —-

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हनुमान चालीसा पाठ पढ़ने के फायदे. Hanuman chalisa meaning in hindi

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Hanuman chalisa meaning in hindi

आपने अक्सर इस बात को देखा होगा कि जब भी कोई व्यक्ति किसी संकट या विपत्ति में फंसता है तो उसके मुंह से श्री बजरंगबली का नाम ही निकलता है और बहुत से लोग ऐसे हैं जो रोज हनुमान चालीसा का पाठ पढ़ते हैं. हनुमान चालीसा पाठ पढ़ने के क्या क्या फायदे होते हैं आइए उनके बारे में जान लेते हैं।

श्री राम के परम भक्त श्री हनुमान के हनुमान चालीसा में कुल 40 छंद है यही कारण है कि इसे हनुमान चालीसा कहा जाता है. हमारे पौराणिक हिंदू धर्म के अनुसार हनुमान चालीसा का बड़ा महत्व है. हनुमान चालीसा का पाठ करने से मनुष्य को कई सारे चमत्कारी लाभ होते हैं।

हनुमान चालीसा से दूर होती है बुरी शक्तियां

कई बार ऐसा होता है कि जाने अनजाने में व्यक्ति को बुरी शक्तियां जैसे कि किसी की बुरी नजर, ऊपरी हवा या तंत्र मंत्र जादू टोना काफी परेशान कर देती है. ऐसी स्थिति में व्यक्ति को हनुमान चालीसा का पाठ रोज करना चाहिए। हनुमान चालीसा की शक्ति से बुरी शक्तियां व्यक्ति से दूर रहती है।

क्षमा मांगने हेतु हनुमान चालीसा का पाठ

यदि मनुष्य से कोई ऐसी गलती हो गई है जिसका उसे पछतावा हो रहा है और वह पश्चाताप करना चाहता है तो ऐसी स्थिति में भी उसे हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए इससे व्यक्ति का मन हल्का होता है और उसके द्वारा किया गया पाप भी धुल जाता है।

बाधाओं को दूर करने के लिए

जिस तरह भगवान श्रीगणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है और यह माना जाता है कि भगवान श्री गणेश हर विघ्न को दूर कर देते हैं ठीक उसी प्रकार हनुमान चालीसा का पाठ करने से भी व्यक्ति के जीवन में आने वाले हर विघ्न और बाधाएं दूर हो जाती है।

हनुमान चालीसा का पाठ तनाव से मुक्ति के लिए

कई बार मनुष्य के जीवन में तनाव इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि उसकी मानसिक स्थिति अस्थिर हो जाती है. इस परेशानी से निपटने के लिए मनुष्य को चाहिए कि हनुमान चालीसा का पाठ रोज करें इससे मन हल्का होता है और जीवन में आने वाले तनाव भी दूर हो जाते हैं।

मन की इच्छाओं को पूर्ति के लिए

हर मनुष्य की अनेक इच्छाएं होती हैं मगर हर इच्छाओं का पूरा होना संभव नहीं होता यदि आपके मन में भी कोई ऐसी इच्छा है जो पूरी नहीं हो पा रही है तो आपको चाहिए कि आप हनुमान चालीसा का पाठ करें और अपनी मन की इच्छा भगवान श्री हनुमान को बताएं ऐसा करने से भगवान श्री हनुमान के आशीर्वाद से आपकी मन की हर इच्छा भगवान श्री हनुमान पूरी करेंगे।

बुद्धि और बल को बढ़ाने के लिए
Hanuman chalisa meaning in hindi

जैसा कि अपने हनुमान चालीसा के पाठ में ही पढ़ा होगा कि भगवान श्री हनुमान बल और बुद्धि के दाता हैं, यदि आप जीवन में बल और बुद्धि की प्राप्ति चाहते हैं तो आपको हनुमान चालीसा का पाठ अवश्य करना चाहिए.

तो यह थी हमारे द्वारा प्रस्तुत की गई हनुमान चालीसा की संपूर्ण जानकारी (hanuman chalisa meaning in hindi) हमें पूरी उम्मीद है कि इसे पढ़ने के बाद आप हनुमान चालीसा का संपूर्ण मतलब समझ गए होंगे अगर अभी भी आपके मन में हनुमान चालीसा को लेकर कोई भी सवाल है जैसे कि हनुमान चालीसा का पाठ कैसे करना चाहिए और कब करना चाहिए तो हमसे संपर्क करने में संकोच ना करें ।

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